जयकारों से गुंजायमान हुआ ब्रह्मधाम
श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ पर वैशाख
षष्टी सोमवार को सुबह ब्रह्मर्षि ब्रह्माशांवतार
ब्रह्मलीन गुरु महाराज श्री खेताराम महाराज
की 30 पुण्य तिथि समारोह में आस्था व
श्रद्धा का सैलाब उमड़ा पड़ा। दूर-दूर से भाविक
ब्रह्मलीन गुरु महाराज को पुष्पांजलि अर्पित करने
ब्रह्मधाम पहुंचे।
महामंत्री भंवरसिंह कनाना ने बताया कि समारोह
की पूर्व संध्या पर मुख्य पांडाल में भजन
संध्या का आयोजन हुआ। रातभर सुरीली भजन
लहरिया सुनकर भाविक आध्यात्मिक सागर
की लहरों में हिलोरे लेते रहे। सवेरे 10 बजे
वेदांताचार्य ध्यानारामजी महाराज के सानिध्य में
100 बटुकों ने जल घटकों के साथ ब्रह्म सरोवर,
श्री ब्रह्माजी के मंदिर व वैकुण्ठधाम
परिक्रमा की। इन्हीं जल घटकों द्वारा वेदांताचार्य
ध्यानाराम ने वैदिक मंत्रों के साथ ब्रह्मलीन
ब्रह्मर्षि ब्रह्माशांवतार गुरु महाराज
श्री खेतारामजी के विग्रह का घटाभिषेक किया।
मुख्य पांडाल में बड़ी संख्या में
भाविकों की उपस्थिति में चढ़ावे
की बोलियां का शुभारंभ हुआ। 31 वीं पुण्यतिथि,
गुरु पूर्णिमा, महाशिवरात्रि संवत 2071
की पूर्णिमाओं की महाप्रसादी एवं अन्य
बोलियां आयोजित हुई। बोलियों का संचालन
आसूसिंह इंद्राणा ने किया। बोलियों में भक्त-
भाविकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। पुण्यतिथि के
अवसर पर मुख्य पांडाल में गुरु महाराज
खेतारामजी महाराज को पुष्पांजलि अर्पित करने के
लिए समारोह का आयोजन रखा गया। कार्यक्रम में
ब्रह्मधाम गादीपति तुलसाराम महाराज ने
भाविकों एवं पूजनीय संतवृंदों के साथ श्री गुरु मंदिर
की ओर मुंह कर दो मिनट के मौन के साथ
पुष्पांजलि अर्पित की। वेदांताचार्य ध्यानाराम
महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंत्र
पुष्पांजलि अर्पित की। श्री ब्रह्मासावित्री सिद्ध
पीठाधिश्वर तुलसाराम महाराज ने आशीर्वचन ने
कहा कि गुरु महाराज ने अपने तपोबल से
श्री ब्रह्मधाम रूपी वटवृक्ष खड़ा किया।
जिसकी छांव में भाविकों को सुखद एहसास होता है।
यहां आने वाले प्रत्येक भाविक के मन में जीवमात्र
के प्रति प्रेमभाव उत्पन्न होता है। गुरु महाराज के
तपोबल से ही आज तक सभी धार्मिक आयोजन
निर्विघ्न पूर्ण हुए हैं। उन्हीं की प्रेरणा से
श्री ब्रह्मात्मक महायज्ञ, द्वारिकाधाम पैदल
यात्रा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन हुए।
उन्हीं की प्रेरणा से तीर्थराज पुष्कर तक की पैदल
यात्रा का आयोजन होने जा रहा है।
श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ पर वैशाख
षष्टी सोमवार को सुबह ब्रह्मर्षि ब्रह्माशांवतार
ब्रह्मलीन गुरु महाराज श्री खेताराम महाराज
की 30 पुण्य तिथि समारोह में आस्था व
श्रद्धा का सैलाब उमड़ा पड़ा। दूर-दूर से भाविक
ब्रह्मलीन गुरु महाराज को पुष्पांजलि अर्पित करने
ब्रह्मधाम पहुंचे।
महामंत्री भंवरसिंह कनाना ने बताया कि समारोह
की पूर्व संध्या पर मुख्य पांडाल में भजन
संध्या का आयोजन हुआ। रातभर सुरीली भजन
लहरिया सुनकर भाविक आध्यात्मिक सागर
की लहरों में हिलोरे लेते रहे। सवेरे 10 बजे
वेदांताचार्य ध्यानारामजी महाराज के सानिध्य में
100 बटुकों ने जल घटकों के साथ ब्रह्म सरोवर,
श्री ब्रह्माजी के मंदिर व वैकुण्ठधाम
परिक्रमा की। इन्हीं जल घटकों द्वारा वेदांताचार्य
ध्यानाराम ने वैदिक मंत्रों के साथ ब्रह्मलीन
ब्रह्मर्षि ब्रह्माशांवतार गुरु महाराज
श्री खेतारामजी के विग्रह का घटाभिषेक किया।
मुख्य पांडाल में बड़ी संख्या में
भाविकों की उपस्थिति में चढ़ावे
की बोलियां का शुभारंभ हुआ। 31 वीं पुण्यतिथि,
गुरु पूर्णिमा, महाशिवरात्रि संवत 2071
की पूर्णिमाओं की महाप्रसादी एवं अन्य
बोलियां आयोजित हुई। बोलियों का संचालन
आसूसिंह इंद्राणा ने किया। बोलियों में भक्त-
भाविकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। पुण्यतिथि के
अवसर पर मुख्य पांडाल में गुरु महाराज
खेतारामजी महाराज को पुष्पांजलि अर्पित करने के
लिए समारोह का आयोजन रखा गया। कार्यक्रम में
ब्रह्मधाम गादीपति तुलसाराम महाराज ने
भाविकों एवं पूजनीय संतवृंदों के साथ श्री गुरु मंदिर
की ओर मुंह कर दो मिनट के मौन के साथ
पुष्पांजलि अर्पित की। वेदांताचार्य ध्यानाराम
महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंत्र
पुष्पांजलि अर्पित की। श्री ब्रह्मासावित्री सिद्ध
पीठाधिश्वर तुलसाराम महाराज ने आशीर्वचन ने
कहा कि गुरु महाराज ने अपने तपोबल से
श्री ब्रह्मधाम रूपी वटवृक्ष खड़ा किया।
जिसकी छांव में भाविकों को सुखद एहसास होता है।
यहां आने वाले प्रत्येक भाविक के मन में जीवमात्र
के प्रति प्रेमभाव उत्पन्न होता है। गुरु महाराज के
तपोबल से ही आज तक सभी धार्मिक आयोजन
निर्विघ्न पूर्ण हुए हैं। उन्हीं की प्रेरणा से
श्री ब्रह्मात्मक महायज्ञ, द्वारिकाधाम पैदल
यात्रा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन हुए।
उन्हीं की प्रेरणा से तीर्थराज पुष्कर तक की पैदल
यात्रा का आयोजन होने जा रहा है।
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